भाजपा कांग्रेस में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी में
अफवाह: कमलनाथ और तन्खा भी होंगे भगवाधारी?
कई विधायक हुए अंडरग्राउंड
राज्यसभा के चुनाव में होगा बड़ा खेला
भोपाल ईएमएस कांग्रेस में भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. भारतीय जनता पार्टी ने जो रणनीति बनाई है. उसमें संसद में एक भी सदस्य मध्य प्रदेश से कांग्रेस का नहीं होगा. राज्यसभा की रिक्त सीटों के लिए जो चुनाव इस माह होना है.उसमें भी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को एक भी सीट देने के लिए तैयार नहीं है. मध्य प्रदेश में जहां-जहां कांग्रेस के महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष तथा जिला पंचायत में कांग्रेस के अध्यक्षऔर पार्षद काबिज हैं. उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी में लाने की लगातार कोशिशभाजपा द्वारा की जा रही है.
भाजपा में हुए शामिल
पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं. उन में प्रमुख रूप से मुरैना के पूर्व विधायक राकेश मावई, शिवपुरी के पूर्व जनपद अध्यक्ष परम सिंह रावत,जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पूर्व एडवोकेट जनरल शशांक शेखर, डिंडोरी जिला पंचायत के अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते सहित उपाध्यक्ष एवं चार पार्षद भारतीय जनता पार्टी मैं शामिल हो चुके हैं.जिसके कारण मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल देखने को मिल रहा है.
एक तिहाई विधायक छोड़ेंगे कांग्रेस
वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 66 सदस्य हैं. 22 विधानसभा सदस्य कांग्रेस छोड़कर या तो भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे, या एक अलग गुट बना लेंगे. इसकी संभावना व्यक्त की जा रही है. यदि ऐसा हुआ तो दल बदल कानून भी लागू नहीं होगा.
कमलनाथ और विवेक तंखा चर्चाओं में
पिछले तीन-चार दिनों से महाकौशल और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, उनके पुत्र सांसद नकुलनाथ, पुत्रवधू प्रिया नाथ तथा राज्यसभा के सदस्य विवेक तंखा के कांग्रेस छोड़ने की खबर चर्चाओं में है. इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की है. अफवाह बड़ी तेजी के साथ फैली है. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह,एकता ठाकुर, शशांक शेखर ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है. उसके बाद इन अफवाहों को बड़ा बल मिला है.
राज्यसभा के चुनाव में होगा बड़ा खेला
राज्यसभा में मध्य प्रदेश की 5 सीटें रिक्त हो रही हैं.इसमें इसी महीने नामांकन और मतदान होना है. वर्तमान सदस्य संख्या के हिसाब से एक सीट कांग्रेस के खाते में जाने वाली थी. भाजपा ने जो रणनीति बनाई है. उसके अनुसार यदि एक तिहाई सदस्य कांग्रेस छोड़ देते हैं, तो कांग्रेस का एक भी राज्यसभा सदस्य मध्य प्रदेश से कांग्रेस का नहीं चुना जाएगा. सांसद विवेक तंखा यदि कांग्रेस में आ जाएंगे,तो मध्य प्रदेश से केवल दिग्विजय सिंह ही राज्यसभा में रह जाएंगे.नकुलनाथ यदि कांग्रेस छोड़ देंगे,तो लोकसभा में एक भी सदस्य मध्य प्रदेश से कांग्रेस का नहीं होगा.
मध्य प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में जा रहे हैं.उसके बाद कांग्रेस में भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को विश्वास नहीं हो रहा है, कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा विवेक तन्खा कांग्रेस छोड़ सकते हैं.लेकिन जिस तरह की स्थितियां देखने को मिल रही हैं. उसके बाद अब यह कहा जाने लगा है कि कुछ भी हो सकता है.
भाजपा की रणनीति सफल
मध्य प्रदेश भाजपा द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जो रणनीति बनाई गई है उसमें वह पूरी तरह से सफल होती दिख रही है. कांग्रेस के यदि इतने दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर पाला बदलेंगे तो कांग्रेस 2024 का लोकसभा चुनाव कैसे लड़ेगी.यह आसानी से सोच और समझा जा सकता है.