लोकसभा चुनाव से पहले नए जिले पांढुर्ना में भाजपा ने जिला अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। यहां पार्टी ने वैशाली महाले (vaishali mahale)को पहली जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। फिलहाल वैशाली महाले महिला मोर्चा कार्यकारिणी में शामिल है। वहीं, साल 1998 से वे लगातार भाजपा में शामिल है। महिला संगठन में अच्छी पकड़ रखने वाली वैशाली पर लोकसभा से पहले भाजपा ने विश्वास जताया है।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा जिला अध्यक्ष की रेस में सौसर से भी कई दिग्गज नेताओं खुदावेदार माना जा रहा था। जिसमें पूर्व मंत्री नाना मोहोड़, उनके बेटे राहुल मोहोड़, छिंदवाड़ा जिले के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र परमार और पांढुर्ना से मारोत राव खवसे के अलावा विधानसभा प्रत्याशी रहे प्रकाश ऊईके इस रेश में शामिल थे। आज जारी हुई लिस्ट में वैशाली का नाम आने से इन नेताओं को झटका लगा है।
दूसरे गुट को लगा झटका
एक दिन पहले ही लोकसभा चुनाव को लेकर कोर कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के करीबी नेताओ को जगह दी गई। जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान के करीबी नेताओं को इस कमेटी से बाहर कर दिया गया था। इसी तरह पांढुर्ना जिला अध्यक्ष बनाने में एक बार फिर से विवेक बंटी साहू की ही चली, जबकि उनके विरोधी गुट के किसी भी नेता को संगठन में स्थान नहीं दिया गया। जिसे समझा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव में भी विवेक बंटी साहू भाजपा में पूरी तरह सुप्रीम लीडर बनकर रहेंगे।
वैशाली के सामने कई चुनौती
वैशाली की नियुक्ति के बाद अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यही रहेगी कि नए जिले पांढुर्ना में सौसर और पांढुर्ना के तमाम भाजपा नेताओं को एक पटरी पर लाकर लोकसभा चुनाव के लिए एक्टिव करे। वैशाली के सामने विधानसभा चुनाव में उभर कर आई गुटबाजी को दूर करने की भी चुनौती रहेगी। हालांकि उनकी नियुक्ति के बाद कौन-कौन से नेता उनके कदम से कदम मिलाकर चलेंगे यह देखना रह जाएगा लेकिन इतना तो साफ है कि इस नियुक्ति के बाद कुछ दावेदार निराश जरूर हो गए हैं।
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