मंदसौर गोलीकांड ( mandsaur firing) के छह से अधिक वर्ष बीत चुके हैं, परंतु अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उस गोलीकांड में, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई थी, उसके पीछे किसकी लापरवाही थी।इस मामले में हुई जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष चल रही जनहित याचिका में मंगलवार को सुनवाई हुई।
कोर्ट ने याचिका में अंतिम बहस के लिए 5 फरवरी की तारीख तय की है। याचिकाकर्ता गोलीकांड को लेकर गठित जैन आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं तो शासन का कहना है कि वह रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए बाध्य नहीं है।
यह है मामला
6 जून 2017 को मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की गोलीबारी में पांच किसानों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना की जांच के लिए, शासन ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेके जैन के नेतृत्व में जैन आयोग का गठन किया था। आयोग ने 13 जून 2018 को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को दे दी थी। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
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