प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (mehnagai bhatta)और सेवानिवृत कर्मचारियों-अधिकारियों को महंगाई राहत देने की मांग तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ पिछले कई समय से करता आ रहा है। सरकार के आश्वासन के बावजूद कर्मचारियों को अभी तक महंगाई भत्ता नहीं मिलने से उनमें निराशा का माहौल है।
कर्मचारी संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से निवेदन किया है कि प्रदेश के 7.50 लाख से अधिक कार्यरत अधिकारी कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों अधिकारियों को महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत प्रदान करने के आदेश जल्द जारी किए जाएं ताकि बढ़ती महंगाई में कर्मचारी अपने जीवन का निर्वहन उचित तरीके से कर सकें। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि जहां एक तरफ सरकार ने बहनों के लिए खजाना खोल दिया है वही प्रदेश के कर्मचारी बढ़े हुए महंगाई भत्ता मिलने की राह देख रहे हैं। केंद्र सरकार जनवरी से महंगाई भत्ता व राहत 46 से 50त्न करने जा रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 42त्न महंगाई भत्ते से काम चलाना पड़ रहा है।
सेवानिवृत्ति कर्मचारियों अधिकारियों को तो और भी ज्यादा मुसीबत के साथ जीवन गुजारना पड़ रहा है। इसी प्रकार से कार्यरत कर्मचारियों के परिवारों को बढ़ती महंगाई में अपना घर चलाने के लिए जो राशि मिलना चाहिए वह न मिलने से बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। जहां कई राज्यों ने चलते हुए चुनाव में अपने कर्मचारियों को जुलाई 2023 से 42 से 46त्न महंगाई भत्ता/ महंगाई राहत देने का आदेश जारी कर दिया था। वहीं मध्य में नई सरकार के गठन के बाद भी अभी तक महंगाई भत्ते को लेकर सरकार द्वारा चुप्पी साधे जाने से कर्मचारी जगत में निराशा उत्पन्न हो रही है। हर कैबिनेट बैठक के पहले कर्मचारियों को लगता है इस बार सरकार हमारी सुध लेगी लेकिन कैबिनेट बैठक हो जाती है और नतीजा सिफर ही रहता है।
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