Madhya Pradesh
शिवराज सरकार द्वारा शुरू किया सरकारी संपत्ति को बेचने का काम अब मोहन सरकार में थमने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मौखिक निर्देश पर नई संपत्ति की नीलामी पर रोक लग गई है। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा पूर्व में जारी की गईं निविदाओं के अनुसार संपत्ति बेचने के काम को आगे बढ़ा रहा है। अभी तक विभाग 99 परिसंपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। जिन्हें बेचने पर खजाने में 993 करोड़ रुपए आ चुके हैं।
शिवराज सरकार ने लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के माध्यम से प्रदेश भर में संपत्तियों को चिन्हित कर बेचने का काम शुरू किया था। बेची गई सभी लोक संपत्ति शहरी क्षेत्र में बेहतर जगह पर हैं। इस वजह से सभी संपत्तियों के दाम कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से आरक्षित मूल्य से ज्यादा मिले। 2020-21 से पिछले साल दिसंबर तक सरकार ने 99 संपत्ति बेचकर 1134 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इन जमीनों का आरक्षित मूल्य 661 करोड़ था। जिसके विपरीत नीलामी के जरिए 1134 करोड़ में सौदा किया। जिसमें से 993 करोड़ रुपए खजाने में आ चुके हैं। संपत्तियों की नीलामी पर रोक लगाने के संबंध में लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव अनिरुद्ध मुखर्जी ने बताया कि फिलहाल लिखित में कोई निर्णय नहीं हुआ है। अभी तक 15-16 विडर के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे है। संपत्ति की राशि, सीमांकन की प्रक्रिया जारी है।
कंब कितनी संपत्ति बेची
वर्ष 2020-21 में 4 संपत्ति से 26.96 करोड़, 2021-22 में 19 संपत्ति से 284.5 करोड़, 2022-23 में 52 संपत्ति से 564. 45 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 24 संपत्ति से 258. 44 करोड़ रुपए जुटाए। हालांकि अभी तक 1134 करोड़ में से 993 करोड़ ही खजाने में आए हैं।