इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया पड़ रहा है। पंडितों के अनुसार भद्रा होने से रविवार रात 11.12 बजे के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा। दहन के लिए सवा घंटे समय मिलेगा वहीं 25 मार्च को धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9.55 बजे से प्रारंभ होगी। इसी के साथ भद्रा भी शुरू होकर रात 11.12 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि 25 मार्च सोमवार को दोपहर 12.29 बजे तक है। विभिन्न पंचांगों के अनुसार भद्रा काल के बाद रात 11.13 बजे से 12.29 बजे तक होलिका दहन के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा। प्रदोषकाल में होली का पूजन किया जा सकता है। वहीं कुछ स्थानों पर पुच्छ काल में रविवार को सायंकाल 6.34 से 7.53 के बीच भी होलिका दहन किया जाएगा। वैसे तो तिथियों के और भद्रा के फेर में अक्सर पर्व-त्योहार आते रहते हैं, लेकिन भद्रा तिथि में होलिका दहन करना और राखी बांधना धर्मशास्त्रों में निषेध कहा गया है। होलिका दहन के लिए बाजारों में गुलरिया, कंडे, घास आदि की बिक्री शुरू हो गई है।
आज रहेंगे होलाष्टक, लेकिन विवाह 17 अप्रैल से
17 मार्च से होलाष्टक की शुरूआत हुई थी। ये 24 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद रहते हैं। इन दिनों देवी-देवताओं की आराधना चलती है। होलाष्टक के साथ मिल मास भी जारी है और यह 13 अप्रैल को सूर्य नारायण के मेष राशि में प्रवेश के साथ समाप्त होंगा। वहीं 17 अप्रैल से मांगलिक कार्य और विवाह के आयोजन प्रारम्भ हो जाएंगे।