भोपाल। प्रदेष का लोक निर्माण विभाग भवनों और सड़कों की क्वालिटी सुधारने के लिए जल्द ही एकीकृत मॉड़ल को अमलीजामा पहनाएगा। विभाग के इस मॉडयूल का सभी सरकारी निर्माण एजेंसियां पालन करेगी। ष्षासन स्तर पर ऐसा पहली बार तय हो रहा है कि भवन एवं सड़कों में लगने वाले मैटेरियल में उसका अनुपात कितना रखा जाएगा। उक्त अनुपात के हिसाब से मेटेरियल का उपयोग निर्माण एजेंसियां कर रही है अथवा नहीं इसकी जिम्मेदारी विभाग के इंजीनियरों की हेोगी। उक्त मेटेरियल की जांच सभी सरकारी एवं अन्य अधिकृत लैबों में हो सकेगी। जानकारी के अनुसार उक्त मॉडयूल तैयार किए जाने का कार्य आईआईटी इंदौर के साथ एक अन्य संस्था द्वारा करवाया है।
“विभाग को क्यों करना पड़ी यह पहल”
दरअसल, लोक निर्माण विभाग द्वारा भवनों एवं सड़कों की गुणवत्ता पूर्ण निर्माण करवाएं जाने के लिए तरह-तरह के नियम कायदे तो तैयार सदियों से करता रहा हैं। लेकिन उक्त नियमों के हिसाब से कार्य को मूर्त रूप दिलवाने में विफल दिखता है। इसके सवालिया निषान निर्माण होने वाली जगह की पब्लिक और जनप्रतिनिधी निरंतर लगाते रहतें है। षासन स्तर पर पदस्थ अफसर महज जांच जैसा षिगुफा छोड़कर मामलें को ठंडे बस्ते में डाल देते है।
“लागत बढ़ने से बचेगी निर्माण वाले प्रोजेक्ट की ”
विभाग की पहल पर अब सभी निर्माण कार्यो में लगनें वाले सीमेंट,सरिया,गिट्टी ईटों के ग्रेड सहित अन्य मटेरियलों के संबंध में अनुपात का एकीकृत निर्धारण नहीं होता था। अलग-अलग अधिकारी और विभाग इसके लिए मानदंड अपने अनुसार तय करते है। ऐसा होने से निर्माण कार्यो की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है,और निर्माण की लागत अलग-अलग हो जाती है। इसके अलावा विभाग के इंजीनियर अपने अनुसार तकनीकि और मटेरियल का उपयोग करते है। जिससे कई बार कम लागत वाले निर्माण कार्यों में भी ज्यादा लागत आती है।
उक्त मॉड्यूल लागू होने पर विभागों को उसी मानदंड के अनुेेसार काम करना पड़ेगा। इसे बीडीए,हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य सरकार की निर्माण एजेंसियांे को भी कॉलोनियों और भवनों के निर्माण कार्यो में पालन करना पड़ेगा।
“निर्माण स्थल की लैब रिपोर्ट पोर्टल पर होगी अॅानलाइन अपडेट”
निर्माण कार्य होने वाले स्थल पर ही लैब स्थापित करना होगी। उक्त लैब से जो भी सैंपल जांच करने वाली टीम लेगी, वहीं टीम की जिम्मेदारी होगी की उक्त लैब से सैंपल की जांच कर स्पाट पर ही ऑनलाइन लोक निर्माण विभाग के पोर्टल पर तत्काल अपलोड किए जाने की जिम्मेंदारी होगी। जिससें गुणवत्ता की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। और किसी भी प्रकार का लैब में होने वाली जांच में फेरबदल भी नही हो सकेगा।
”निर्माण कार्यो के निर्माण स्थल की स्थिति पर अनुपात होगा तय”
सरकारी विभागों द्वारा करवाएं जाने वाले निर्माण कार्यो में किस अनुपात को मैटेरियल का उपयोग किया जाना है। यह उक्त जगह की भौगोलिक स्थिति पर ही स्पष्ट हो सकेगा, कि उस जगह की मिट्टी रेतिली,पथरीली अथवा लाल के अलावा अन्य प्रकार की मिट्टी के आधार पर ही अलग-अलग स्पेसिफिकेषन तय किए जा सकेंगे।
इनका कहना हैे
सरकार यदि यह मॉडल सभी भवन कार्यो और सड़क निर्माण कार्यो में लागू करती है़,तो निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सुधरेगी।
पी.के.कटारे, रिटा. ईएनसी नगरीय प्रषासन एवं विकास विभाग