नई दिल्ली
सीबीआई ने यूको बैंक के देशभर के करीब 62 ठिकानों पर छापा मारा है। जांच एजेंसी की यह कार्रवाई बैंक के इमीडिएट पेमेंट सर्विस में 850 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ी है। सीबीआई ने यह रेड राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, जालोर, नागौर और बाड़मेर सहित महाराष्ट्र के पुणे में की। रेड के दौरान जांच एजेंसी ने यूको और आईडीएफसी से जुड़े 130 डॉक्यूमेंट्स, 40 मोबाइल, 2 हार्ड डिस्क और एक इंटरनेट डोंगल सीज किया।
एजेंसी इन सभी चीजों की फॉरेंसिक जांच कराएगी। सीबीआई ने इस दौरान मौके पर तीस संदिग्धों की भी जांच की। इस मामले में दिसंबर 2023 में सीबीआई ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
10 और 11 नवंबर 2023 के बीच 7 प्राइवेट बैंक के करीब 14,600 अकाउंट से इमीडिएट पेमेंट सर्विस ट्रांजैक्शन के जरिए यूको बैंक के 41,000 अकाउंट होल्डर के खातों में गलत तरीके से अमाउंट पोस्ट किया गया। जिसके चलते 850 करोड़ रुपए ओरिजनेटिंग बैंक से कटे बिना यूको बैंक के खातों में जमा हो गए। इस मामले में यूको बैंक की ओर से नवंबर 2023 में शिकायत दर्ज की गई। सीबीआई ने अपने प्रेस रिलीज में बताया कि अलग-अलग ट्रांजैक्शन चैनल के माध्यम से कई अकाउंट होल्डर्स ने पैसे निकाले।
2 करोड़ का घोटाला 850 करोड़ पहुंचा
पहले बैंक ने 1.53 करोड़ रुपए की गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। बैंक ने तब एनएसई और बीएसई को सूचना दी थी कि बैंक में तकनीकी खामी के चलते यह गड़बड़ी हुई थी। 16 नवंबर को एनएसई और बीएसई को लिखे लेटर में बैंक ने खाते ब्लॉक कर 820 करोड़ में से 649 करोड़ रुपए रिकवर किए थे।
ग्रामीण क्षेत्रों से आई थी ज्यादा गड़बड़ी
बैंक से करोड़ों रुपए की सबसे ज्यादा गड़बड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आई थी। ई-मित्रों से लोगों ने रातों-रात खाते खुलवाए और फिर लाखों रुपए का लेन-देन कर ऑनलाइन दूसरे खातों में जमा करवाई थी। पहले जयपुर की साइबर थाना पुलिस और अब सीबीआई ने ऐसे खाता धारकों को चिह्नित किया और अब इनके ठिकानों पर दबिश देकर दस्तावेज जब्त किए। यूको बैंक के ट्रांजैक्शन सिस्टम इमीडिएट पेमेंट सर्विस में आई तकनीकी खामी का फायदा उठाते हुए ई-मित्र संचालकों और बैंक के कर्मचारियों ने करीब 850 करोड़ रुपए निकाल लिए थे।