नीमच में लगे सौर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट मार्च में शुरू हो सकते हैं। ये दोनों ही प्रोजेक्ट भोपाल नगर निगम ने लगवाए हैं। प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद भोपाल निगम को अगले 25 साल तक कम रेट में बिजली मिलेगी और हर साल 14 करोड़ रुपए बचेंगे। प्रोजेक्ट को पिछली बजट मीटिंग में मंजूरी दी गई थी। महापौर समेत पूरी एमआईसी एक बार फिर नीमच जाकर निरीक्षण कर सकती है। जनवरी में एक बार भ्रमण हो चुका है।
प्रोजेक्ट के जरिए बिजली मिलने के बाद भोपाल नगर निगम देश का पहला वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग करने वाला नगरीय निकाय बन जाएगा। पिछले साल मई में निगम और कंपनियों के बीच एग्रीमेंट हो चुका है। हालांकि, इन दोनों ही प्रोजेक्ट को लेकर निगम मीटिंग में हंगामा भी हो चुका है।
कंपनियां 25 साल तक देखरेख करेगी
निगम के अनुसार, वैकल्पिक ऊर्जा संयंत्रों के लिए उपलब्ध कराई गई भूमि भोपाल नगर निगम के नाम है। प्लांट भी निगम के नाम से ही स्थापित किए गए हैं। सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए निगम ने एग्रीमेंट किए हैं। इसके अनुसार उक्त कंपनियां 25 वर्ष तक संयंत्रों का संचालन एवं संधारण करेंगी। यह नगर निगम को बिजली उपलब्ध कराएगी।
प्रोजेक्ट के बारे में जाने
एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी ने बताया, नीमच के रामपुरा में लगभग 83 एकड़ भूमि पर 21 मेगावॉट क्षमता के सौलर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। वहीं, 15 मेगावॉट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापना का कार्य भी प्रगति पर है। प्रदेश सरकार ने रामपुरा में सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए यह जमीन नगर निगम भोपाल को आवंटित की है। सोलर ऊर्जा संयंत्र संबंधित कंपनी अगले 25 वर्ष तक संचालित एवं संधारित करेंगी।
इतनी कीमत पर मिलेगी बिजली
नगर निगम को अगले 25 वर्ष तक 3.47 पैसे प्रति यूनिट की दर से प्रतिवर्ष 3.67 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसी प्रकार 15 मेगावाट क्षमता का पवन ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है। पवन ऊर्जा संयंत्र से प्रतिवर्ष 3.30 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी और 25 वर्ष तक 4.24 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इन दोनों ही प्रोजेक्ट से निगम को हर साल करीब 14 करोड़ रुपए की बचत होगी।