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केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट ( ken betwa link project): दौधन डैम निर्माण के लिए कोई भी कंपनी नहीं डाली बिड, 1 तारीख को बैठक में कारणों की जांच.

नदी जोड़ो परियोजना के तहत देश के पहले प्रोजेक्ट केन-बेतवा लिंक ( ken betwa link project) के लिए बनाए जाने वाले दौधन डेम निर्माण के लिए किसी भी कंपनी ने बिड जमा नहीं की है। बिड जमा करने की अंतिम तारीख 18 जनवरी थी, जो बीत चुकी है। यह स्थिति तब है जब बिड जमा करने की अंतिम तारीख 10 अक्टूबर 2023 से निर्माण कंपनियों को 3 माह का अतिरिक्त समय दिया जा चुका है।
आखिर निर्माण कंपनियां इस प्रोजेक्ट में शामिल होने से क्यों बच रही हैं, उन्हें टेंडर की कौन सी शर्त या प्रावधान को लेकर चिंता है, यह पता लगाने के लिए नेशनल वॉटर डेवलपमेंट एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) और केन बेतवा लिंक अथॉरिटी (केबीएलपीए) ने देश की सभी दिग्गज निर्माण कंपनियों के साथ प्री-बिड मीटिंग करने का फैसला किया है। यह बैठक 1 फरवरी को भोपाल में होगी। इसके साथ ही दौधन डेम के टेंडर की बिड जमा करने की तारीख एक बार फिर बढ़ाकर 5 मार्च कर दी गई है। केबीएलपीए सूत्रों के मुताबिक 11 अगस्त को दौधन डेम के टेंडर जारी किए गए थे। इससे पहले तीन बार देश की 20 बड़ी निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर सुझाव लिए गए थे। टेंडर के प्रावधानों पर भी विस्तार से चर्चा हुई थी। अब एक बार फिर से सभी प्रमुख निर्माण कंपनियों को बुलाकर मप्र और उत्तरप्रदेश के अधिकारियों की मौजूदगी में चर्चा की जाएगी, ताकि निर्माण कंपनियों की दुविधा का पता लगाया जा सके।
भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से जुड़ा काम जल्द हो
इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित स्टीयरिंग कमेटी ने मप्र सरकार को प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से जुड़ा काम जल्द पूरा करने को कहा है। दो दिन पूर्व खजुराहो में केंद्रीय जल सचिव देबाश्री बैनर्जी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी पर चिंता जताई गई।
44 हजार 650 करोड़ का है पूरा केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट
केन-बेतवा लिंक परियोजना की कुल लागत 44 हजार 650 करोड़ रुपए हैं। इस परियोजना का सबसे बड़ा हिस्सा केन नदी पर पन्ना टाइगर रिजर्व के बीच में बनने वाला लगभग 2800 एमसीएम जल भंडारण क्षमता का एक बांध है, जो पन्ना जिले के दौधन गांव के नजदीक बनेगा। इसी बांध से 221 किलोमीटर के एक नहर निकलेगी, जो झांसी के पास जाकर बेतवा नदी से जुड़ेगी। इस 221 किलोमीटर में नहर जहां-जहां से गुजरेगी, वह पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और यूपी के ललितपुर जिले का सूखाग्रस्त इलाका है। इस परियोजना से यह पूरा इलाका सिंचित हो जाएगा।

 

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