मप्र का परिवहन विभाग ( transport department)पिछले 42 दिन से बिना आयुक्त के काम कर रहा है। इस कारण विभाग की कार्यप्रणाली सुस्त हो गई है। ऐसे में विभाग 4800 करोड़ रूपए का टारगेट कैसे पूरा करेगा? क्योंकि आयुक्त के नहीं होने से विभाग राजस्व वसूली में भी पिछड़ गया है।
विधानसभा चुनाव के कारण प्रदेश के सबसे कमाऊ विभागों में से एक परिवहन विभाग राजस्व वसूली में पहले ही पिछड़ा है। स्थिति यह है कि विगत वित्तीय वर्ष में टारगेट से अधिक राजस्व जुटाने वाला परिवहन विभाग अब तक 3400 करोड़ रुपए का ही राजस्व संग्रहीत कर पाया है। यानी इस वित्तीय वर्ष में बचे तकरीबन 78 दिनों में विभाग को 1400 करोड़ रुपए की वसूली करना है। सूत्रों का कहना है कि अब विभाग इसके लिए सख्ती पर उतरेगा।
सभी जिले माइनस में चल रहे
परिवहन विभाग में राजस्व संग्रहण वाहनों के रजिस्ट्रेशन, वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल वाहनों के परमिट, वाहनों में ओवरलोडिंग से होता है। इसके अलावा बिना अनुमति के वाहनों का मार्ग पर संचालन, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाने, मानक से ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर पेनाल्टी से भी राजस्व का संग्रहण किया जाता है। इसके अलावा विभाग ओवरलोडिंग पर भी कार्रवाई कर जुर्माना वसूलता है। इससे राजस्व अर्जित होता है। परिवहन विभाग ने राजस्व लक्ष्य रिवाइज किए जाने के बाद विभाग ने जिलों को दिए गए टारगेट को संशोधित किया था। लक्ष्य की पूर्ति में सभी जिले माइनस में चल रहे हैं।
12 दिसंबर को हटाए गए थे आयुक्त
गुना बस हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद सरकार ने परिवहन आयुक्त एसके झा को हटा दिया था। तब से लेकर आज तक आयुक्त का पद खाली है। हालांकि अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना का कहना है कि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष में दिए गए 4800 करोड़ के टारगेट को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। परिवहन विभाग को इस वित्तीय वर्ष के लिए 4400 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण लक्ष्य प्राप्त हुआ था, परंतु अगस्त 2023 में शासन ने इस लक्ष्य में 400 करोड़ रुपए की वृद्धि कर दी, जिससे नया लक्ष्य 4800 करोड़ रुपए हो गया। अब तक विभाग ने 3600 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित कर लिया है। इसका कारण विधानसभा चुनाव बताया जा रहा है जिसमें काफी अमला जुटा रहा। अब 4800 करोड़ के टारगेट को पूरा करने के लिए विभाग को 20 दिसंबर से 31 मार्च तक यानी 78 दिन में 1600 करोड़ रुपए राजस्व जुटाना होगा। विभाग को वर्ष 2022-23 में 3800 करोड़ का टारगेट मिला था, जिसे वित्तीय वर्ष पूरा होने से पहले हासिल कर लिया था। 31 मार्च तक शासन को 4012 करोड़ रुपए राजस्व दिया था।
इनका कहना है
विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में इस वर्ष परिवहन कर से लक्ष्य से अधिक राजस्व हासिल किया जाए। इस वर्ष विभाग को 4 हजार 800 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। विभाग ने अब तक करीब 3400 करोड़ रूपए का राजस्व हासिल कर लिया है।
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