मप्र में राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) ( rajya police seva) से अखिल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की डीपीसी मार्च में होगी। इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार डीपीसी के लिए 12 अधिकारियों के नाम की सूची पुलिस मुख्यालय ने तैयार की है, जिसे जल्द शासन को भेजा जाएगा। एसपीएस के जिन अधिकारियों की डीपीसी होनी है उनमें 1995, 1997 और 1998 बैच के अधिकारी हैं।
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए डीपीसी में जिन अधिकारियों के नाम हैं उनमें 1995 बैच के प्रकाश चंद्र परिहार, 1997 बैच के दिलीप कुमार सोनी, सीताराम ससत्या, अवधेश प्रताप सिंह बागरी, राजेंद्र कुमार वर्मा, अमृत मीणा और विक्रांत मुराब, 1998 बैच के सुरेन्द्र कुमार जैन, आशीष खरे, राजेश रघुवंशी, निमिषा पांडेय और राजेश कुमार मिश्रा शामिल हैं।
काडर समीक्षा न होने के कारण पदों में वृद्धि नहीं हुई।
मप्र में वर्तमान स्थिति में एसपीएस के अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड होने में 25 से 27 वर्ष लग रहे हैं। उधर, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी लगभग 15-16 वर्ष में पदोन्नत हो रहे हैं। अभी इनका 2006 बैच पदोन्नत हो चुका है। राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का कहना है कि नियमित रूप से काडर रिव्यू नहीं होने से पद नहीं बढ़े हैं, जिससे पदोन्नति नहीं हो पा रही है। बता दें कि अगले वर्ष यानी 2025 में छह अधिकारी सेवानिवृत होंगे। प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के कुल 1269 पद हैं। प्रदेश में आईपीएस के कुल पद 319 पद हैं। एक बार काडर रिव्यू होने पर पांच से 10 प्रतिशत यानी 15 से 32 पद बढ़ जाते हैं। 2005 में काडर रिव्यू हुआ था। इसके बाद 2010 में होना चाहिए था, पर 2013 में हुआ। इसके बाद 2018 में किया जाना था, लेकिन इसकी जगह 2023 में किया गया। 2020 का रिव्यू अभी लंबित है। एसपीएस के अधिकारियों का कहना है कि इसे 2024 में किया जाए तो आईपीएस के 20 से 30 पद बढ़ जाएंगे। इनमें सात से 10 पद राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को मिलेंगे। पांच वर्ष के नियम से रिव्यू हुआ तो 2022 के बाद अब 2027 में होगा। ऐसे में कई अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
One Comment