मप्र सरकार में वैसे तो आईएएस अनिरुद्ध मुखर्जी ( anirudh mukharjee)प्रमुख सचिव लोक संपत्ति प्रबंधन के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन इसी नाम के व्यक्ति को प्रदेश में हेरिटेज मदिरा के संबंध में नियम और मानक आदि विकसित करने के लिए आबकारी विभाग अगस्त 2021 से सालाना 5 लाख रुपए मानदेय का भुगतान कर रहा है।
वाणिज्यिक कर विभाग ने अनिरुद्ध मुखर्जी को परामर्शदाता के रूप में अगस्त 2021 से 31 अगस्त 2022 तक एक वर्ष की अवधि के लिए रखा था, लेकिन अवधि समाप्त होने पर आबकारी आयुक्त ने शासन को 29 अगस्त 2022 को पत्र भेजकर 6 माह की अवधि 3 मार्च 2023 तक बढ़ाने का आग्रह किया था। इसके बाद मुखर्जी की सेवा अवधि पूर्व की सेवा शर्तों के आधार पर 6 माह यानि 31 अगस्त 2023 तक बढ़ा दी गई। अब फिर अनिरुद्ध मुखर्जी की सेवा अवधि 31 अगस्त 2024 तक बढ़ा दी गई है। यानि 5 लाख रुपए सालाना आबकारी विभाग के नियम और मानक तय करने के लिए सलाहकार के रूप में अनिरुद्ध मुखर्जी को अभी भी दिया जा रहा है, जबकि मप्र में हेरिटेज मदिरा नीति को लागू हुए दो साल हो चुके हैं फिर बालाघाट के व्यक्ति को भुगतान करने के पीछे आबकारी विभाग की मंशा स्पष्ट नहीं है। इस संबंध में आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव से बात करनी चाही, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।