राज्य सरकार ने 48 दिन बाद प्रदेश की प्रभारी मुख्य सचिव व 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा को मुख्य सचिव ( chief secretary)बना दिया। उनके पास माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष का प्रभार रहेगा। इसी बैच के संजय बंदोपाध्याय को मप्र कर्मचारी चयन मंडल का अध्यक्ष पदस्थ किया गया है।
सरकार के इस आदेश के बाद वीरा राणा के एक्सटेंशन का रास्ता आसान हो गया है। साफ है कि यदि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की एक्सटेंशन को लेकर हरी झंडी मिल जाती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान वीरा राणा ही मुख्य सचिव रह सकती हैं। लेकिन यदि केंद्र से अनुराग जैन की मध्यप्रदेश में वापसी होती है तो वही अगले मुख्य सचिव होंगे और वीरा राणा माध्यमिक शिक्षा मण्डल की अध्यक्ष बनी रहेंगी।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है अन्य राज्यों कि तरह यदि एमपी में भी मुख्य सचिव केंद्र की मंशानुसार बनाया गया तो एमपी के सीएस की चाबी भी केन्द्रीय नेतृत्व के पास होगी। मप्र में मुख्य सचिव के लिए 1988 से लेकर 1990 बैच के अधिकारी शामिल हैं। प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाने की संभावना बनी हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार उन्हें मप्र वापस करने को तैयार नहीं है। वहीं जैन भी मप्र आने को इच्छुक नहीं है। दरअसल, उनकी मंशा केंद्र में कैबिनेट सेक्रेटरी बनने की है। वहीं सूत्रों का कहना है संजय बंदोपाध्याय की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने उन्हें मप्र वापस भेजा है। ऐसे में उनकी संभावना पर भी विराम लग गया है।
सूत्र बताते हैं कि मप्र पर अपना कंट्रोल रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुराग जैन को मप्र भेजकर मुख्य सचिव बनवा सकते हैं। इसकी प्रबल संभावना बताई जा रही है क्योंकि जैन पीएम के करीबी और विश्वसनीय नेताओं में शामिल हैं। अनुराग जैन की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है कि सेवाकाल की दृष्टि से अनुराग जैन अगस्त 2025 तक पद पर रहेंगे। इस नजरिए से यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है तो उन्हें काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा, और इसी दौरान लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि अगर अनुराग जैन मुख्य सचिव नहीं बनाए जाते हैं और वीरा राणा को एक्सटेंशन नहीं दिया जाता है तो 1990 बेंच के राजेश राजौरा को मुख्य सचिव के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि जहां राजौरा कुशल प्रशासक बन कर उभरे हैं, वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनकी ट्यूनिंग काफी अच्छी बैठ रही है। इसके अलावा 1988 बैंच के मोहम्मद सुलेमान, 1990 बैंच के जेएन कंसोटिया, इसी बैच के ही मलय श्रीवास्तव मुख्य सचिव बनने की सूची में हैं। 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारी हैं। उन्होंने बिजली, सडक़, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम किया है और कई नवाचार करते हुए परिणाम भी दिए हैं। सेवाकाल की दृष्टि से उनका भी कार्यकाल अनुराग जैन के समान ही हैं। सुलेमान अनुराग जैन के 1 महीने पहले जुलाई 2025 में रिटायर होंगे।
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