प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी पीएम गति शक्ति मिशन ( PMGSY)का जहां राज्य से जिले स्तर पर विस्तार किया जा रहा है, वहीं अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए जाने वाले डाटा की वस्तुस्थिति का थर्ड पार्टी से आकलन भी कराया जाएगा। इसके लिए निजी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। डीपीआइआइटी (औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) की विशेष सचिव (लाजिस्टिक्स) सुमिता डावरा ने बताया कि गतिशक्ति पोर्टल की मदद से सुव्यवस्थित विकास को गति मिली है। राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
मध्य प्रदेश में नोडल डिपार्टमेंट
मध्य प्रदेश में एमपीआइडीसी (मप्र इंडस्ट्री डेवलपमेंट कार्पोरेशन) को नोडल डिपार्टमेंट बनाया गया है। भारत सरकार अब गतिशक्ति मिशन का विस्तार जिला स्तर पर कर रही है। पोर्टल पर सेटेलाइट इमेज और विभागों द्वारा संधारित इमेज डाटा अपलोड किया गया है। इसकी वस्तु स्थिति जानने के लिए थर्ड पार्टी से आकलन भी कराया जाएगा। जहां गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गति शक्ति पोर्टल पर रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो।
मप्र के सभी विभागों ने गति शक्ति पोर्टल पर दर्ज किया डाटा
मध्य प्रदेश के लगभग सभी विभागों ने पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपना इमेज डाटा अपलोड किया है। इसकी मदद से औद्योगिक विकास, रेल लाइन, सडक़, बांध, खदान, राजस्व संबंधी कार्य, वन प्रबंधन सहित विभिन्न विकास कार्य पर नजर रखी जा सकेगी बल्कि सुव्यवस्थित विकास भी किया जा सकेगा।
पीएम गति शक्ति पोर्टल से लिंक होगा मप्र उद्योग विभाग का पोर्टल
पीएम गति शक्ति पोर्टल से मध्य प्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग अपनी वेबसाइट लिंक करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार से समन्वय कर नई व्यवस्था की जाएगी। इस व्यवस्था से भारत ही नई अन्य देशों के उद्योगपति अपने देश से ही आनलाइन निवेश प्रस्ताव दे सकेंगे और उनके निवेश प्रस्ताव स्वीकार कर पोर्टल से ही उनकी आवश्यक अनुमतियां दे दी जाएगी। इस सिंगल विंडो सिस्टम से मध्य प्रदेश में निवेश को गति मिलेगी।