वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 30265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत किया। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत अंश पूंजी के लिए 13365 करोड़ रुपये दिए गए। समग्र शिक्षा अभियान के लिए 350 करोड़ पंचायत विभाग के अंतर्गत स्थानीय निकायों को 2135 करोड़ का अनुदान, सिंचाई परियोजनाओं के लिए 420 करोड़, मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता के लिए 50 करोड़ नर्मदा घाटी विकास की सिंचाई योजनाओं के लिए 807 करोड़ का प्रविधान किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के लिए 1648 करोड़, आंगनबाड़ी सेवायें (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) के लिए 614 करोड़, लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 760 करोड़, पोषण अभियान (एनएनएम) (सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0) योजना के लिए 128 करोड़, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 176 करोड़ और समेकित बाल संरक्षण योजना (मिशन वात्सल्य) के लिए 70 करोड़ का प्रावधान किया है।
वहीं जनसंपर्क विभाग अंतर्गत इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रचार के लिए 120 करोड़, प्रिंट मीडिया 120 करोड़, विशेष अवसरों पर प्रचार 70 करोड़ तथा कार्यक्रम, आयोजन एवं प्रबंधन के लिए 14 करोड़ के प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के लिए 346 करोड़ और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत रसोइयों को मानदेय भुगतान की राज्य योजना के लिए 183 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना (आवास) तथा प्रधानमंत्री ननमन योजना (सडक़) नवीन योजनाओं के लिये प्रतीक प्रावधान। पर्यटन विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री हेली पर्यटन सेवा नवीन योजना के लिये प्रतीक प्रावधान। उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्लीलेन्स नवीन योजना हेतु प्रतीक प्रावधान किया गया है।
किस विभाग को कितना मिला
वाणिज्यिक कर विभाग अंतर्गत म.प्र. परिवहन अधोसंरचना विकास निधि योजना हेतु 106 करोड़ और म.प्र. नगरीय परिवहन अधोसंरचना विकास निधि के लिए 47 करोड़ का प्रावधान हैं। खनिज साधन विभाग अंतर्गत जिला माइनिंग फण्ड योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान हैं। ऊर्जा विभाग अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत अंशपूंजी का प्रदाय योजना के लिए 13,365 करोड़, म.प्र. उपकर अधिनियम 1982 के अंतर्गत ऊर्जा विकास उपकर का ऊर्जा विकास निधि को अंतरण 181 करोड़ हैं, अटल गृह ज्योति योजना के लिए 579 करोड़ के प्रावधान है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के लिये 200 करोड़, आशा कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन योजना के लिये 220 करोड़ और मुख्यमंत्री एयर एंबुलेंस नवीन योजना के लिए 2.50 करोड़ का प्रावधान है। लोक निर्माण विभाग अंतर्गत केंद्रीय सडक़ निधि योजना के लिए 450 करोड़, मध्यप्रदेश सडक़ विकास कार्यक्रम (ए.डी.बी.) के लिए 400 करोड़, ग्रामीण सडक़ों एवं अन्य जिला मागों का निर्माण/उन्नयन योजना के लिए 525 करोड़, भू-अर्जन हेतु मुआवजा के लिये 400 करोड़, वृहद पुलों का निर्माण 150 करोड़, म.प्र. सडक़ विकास निगम के माध्यम से सडक़ों का निर्माण योजना के लिए 250 करोड़ और नवीन ग्रामीण एवं अन्य जिला मागों का निर्माण/उन्नयन के लिए 200 करोड़ का प्रावधान।
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत समग्र शिक्षा अभियान के लिये 350 करोड़ का प्रावधान हैं। पंचायत विभाग अंतर्गत 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान के लिए 2,135 करोड़ का प्रावधान है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत पी. एम. जनमन बहुउद्देशीय केंद्र निर्माण योजना के लिए 26 करोड़ का प्रावधान है। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए 200 करोड़ और दीनदयाल अन्त्योदय मिशन को आर्थिक सहायता (मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना) 50 करोड़ का प्रावधान है।
नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत विभिन्न सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 807 करोड़ और विद्युत देयकों के भुगतान के लिए 62 करोड़ का प्रावधान। जल संसाधन विभाग अंतर्गत विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 420 करोड़ और विद्युत देयकों के भुगतान के लिए 50 करोड़ का प्रावधान। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत खुली निविदा पद्धति से शक्कर क्रय पर राज्य शासन से अनुदान के लिए 150 करोड़ का प्रावधान। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत जल जीवन मिशन (जे जे एम) नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन योजना के लिए 2,616 करोड़ का प्रावधान। पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए 50 करोड़ और गौ संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 362 करोड़, चिकित्सा महाविद्यालय, संबद्ध चिकित्सालय के लिए 119 करोड़, रतलाम/दतिया/शिवपुरी एवं सतना चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 56 करोड़, पी.एम.एस.एस.वाय. परि. अंतर्गत सुपरस्पेशल्टी अस्पताल की स्थापना के लिए 38 करोड़ के प्रावधान।