अब भूस्वामी को विक्रय के लिए डिपो ( van vibhag dipo)में लकड़ी के रखरखाव पर प्रति घन मीटर एक मानव दिवस यानी 378 रुपये हैंडलिंग चार्ज भुगतान करना होगा। राज्य सरकार ने 2007 में तय किए गए 100 रुपये प्रति घनमीटर हैंडलिंग चार्ज को बदलते हुए इसे अब प्रति घनमीटर एक मानव दिवस के हिसाब से निर्धारित किया है।
दरअसल, भू स्वामियों की लडक़ी कटकर बिकने के लिए डिपो में आती है। डिपो में लकड़ी पर ठप्पी लगाने, लाट ग्रेडिंग करने, लाट बनाने जैसे अन्य सभी कार्य पर जो खर्च आता है, उसे हैंडलिंग चार्ज कहते हैं। वर्तमान स्थिति में हैंडलिंग चार्ज एक हजार रुपये प्रति घनमीटर आंका गया है।
विभाग ने 2.4 मानव दिवस प्रति घनमीटर हैडलिंग जार्च का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसे व्यावहारिक नहीं मानते हुए फिलहाल एक मानव दिवस प्रति घनमीटर हैंडलिंग चार्ज निर्धारित किया गया है। यह निर्णय वन मंत्री की अध्यक्षता में वनोपज अंतर्विभागीय समिति की 476वीं बैठक में लिया गया है। बैठक में इसके अलावा वानिकी वर्ष 2023-24 के लिए उत्पादन वनमंडलों के लिए 35 किराए के वाहन उपलब्ध कराने पर भी सहमति बनी है।
बता दें कि वन विभाग में उत्पादन की राजस्व संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इससे बड़ा राजस्व प्राप्त होता है। इसी तरह वर्ष 2024 में संग्रहित होने वाले तेंदूपत्ता के अग्रिम निवर्तन के लिए आनलाइन निविदा में प्राप्त दर की स्वीकृति दी गई है। हालांकि, दरों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
शिवराज ने हैंडलिंग चार्ज 300 रुपये से घटाकर 100 रुपये किया था।
2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान पंचायत में किसानों की मांग पर भूमि स्वामी की काष्ठ के विपणन के लिए 300 रुपये प्रति घनमीटर के स्थान पर 100 रुपये प्रति घनमीटर हैंडलिंग चार्ज निर्धारित किया था। तब से आज तक 100 रुपये प्रति घनमीटर ही चार्ज भूस्वामी से वसूला जाता है।
One Comment