मध्य प्रदेश

लोकसभा चुनाव ( lok sabha chunav) से पहले अधोसंरचना विकास पर सरकार का फोकस लेखानुदान में विकास के लिए होगा सबसे अधिक फंड

मप्र की डॉ. मोहन यादव सरकार की प्राथमिकता में विकास है। लोकसभा चुनाव( lok sabha chunav) को देखते हुए सरकार सबसे अधिक अधोसंरचना विकास पर फोकस कर रही है। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि 7 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में सरकार द्वारा जो लेखानुदान लाया जा रहा है, उसमें सबसे अधिक फंड विकास कार्यों के लिए रखा जाएगा। उधर, भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास कार्य शुरू हो जाएंगे। इसके लिए सांसदों और विधायकों से प्रस्ताव मांगा गया है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लेखानुदान एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। इसमें अप्रैल से लेकर जुलाई तक के लिए वित्तीय प्रविधान किए जाएंगे। अगस्त में वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तुत होगा। लेखानुदान के साथ द्वितीय अनुपूरक बजट भी विधानसभा में प्रस्ततु किया जाएगा, जिसमें विभागों को आवश्यकता के अनुरूप अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। सत्ता और संगठन की रणनीति के अनुसार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सांसद और विधायकों अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में करोड़ों रुपये के विकास कार्य का शिलान्यास और भूमिपूजन करेंगे।
12 या 13 फरवरी को पेश होगा लेखानुदान
गौरतलब है कि मप्र में बजट सत्र का आयोजन 7 फरवरी से 19 फरवरी तक किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि इसके लिए 12 या 13 फरवरी को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले वर्ष 2024-25 के लेखानुदान में प्रविधान भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रस्तावों को आगामी वित्तीय वर्ष की कार्य योजना में प्राथमिकता के आधार पर सम्मिलित करें। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही अधिकतर सांसद और विधायक अपनी निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि का उपयोग कर चुके हैं।
सांसद और विधायकों से मांगे प्रस्ताव
गौरतलब है कि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने कई वादे भी किए। विधायक निधि तो नए वित्तीय वर्ष में मिलेगी पर इसके पहले लोकसभा चुनाव होंगे। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार ने सांसद और विधायकों से निर्वाचन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं ताकि आचार संहिता लागू होने के पहले भूमिपूजन कार्यक्रम हो सकें। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सांसदों से 50 करोड़ और विधायकों से 15 करोड़ रुपये तक के कामों के प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। इसमें सडक़, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन सहित अन्य निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राथमिकता से लिए जाएंगे। दरअसल, सरकार का जोर पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। उधर, सभी निर्माण विभागों के अधिकारियों से कहा गया है कि वे सांसद और विधायकों के माध्यम से मिलने वाले प्रस्तावों का आगामी वर्ष की कार्य योजना में प्राथमिकता दें। लोक निर्माण विभाग ने तो आश्वस्त भी कर दिया है कि जो प्रस्ताव मिलेंगे उनका तकनीकी परीक्षण कराकर एक साथ निविदा आमंत्रित कर ली जाएंगी।

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