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लोकसभा चुनाव बाद होंगे छात्र संघ चुनाव ( student union election) -उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र शुरू कर दिया गाइडलाइन तैयार करना

लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव student union election कराने की तैयारी में है। इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग तैयारी में जुट गया है और इसका प्रारूप बनाया गया है। संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर में सरकार प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव करा सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश में 2016-17 में मेरिट के आधार पर छात्र नेता का चुनाव किया गया था। इसके बाद से चुनाव बंद है। अब पूर्व की तरह ही प्रत्यक्ष प्रणाली के आधार पर चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। प्रत्यक्ष प्रणाली चुनाव से छात्र राजनीति के नये द्वार खुलते हैं। इसमें सही नेता का चयन होकर ऊपर आता है। छात्र राजनीति से निकलकर कई नेता राच्य में विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री रह चुके हैं। चुनाव में हुए परिवर्तन से छात्र राजनीति खत्म हो गई है। कालेजों में राजनीति जैसा माहौल भी दिखना बंद हो गया है। पिछले अप्रत्यक्ष चुनावों में आए पदाधिकारियों ने कालेजों की मांगों को लेकर कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किए।

छात्र संघ चुनाव को लेकर पिछले एक साल से राज्य सरकार छात्रों को केवल अश्वासन ही दे रही है, लेकिन चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री रहते मोहन यादव ने वर्ष 2022 में छात्र संघ चुनाव जल्द कराने की बात कही थी, लेकिन यह आश्वासन पूरा नहीं हुआ। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के कॉलेजों में इस बार प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव हो सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर माह में ये चुनाव कराए जा सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2024- 25 की गाइडलाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। विभागीय जानकारी के अनुसार चुनाव के लिये 15 दिन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इस बार कॉलेजों में चुनाव होना तय इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि खुद मोहन यादव ने शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार कर सीएम को भेजा था, अब वे खुद ही मुख्यमंत्री है। ऐसे में इस बार छात्र संघ चुनाव होने की संभावनाएं ज्यादा दिख रही हैं।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए थे पिछले चुनाव
पिछली बार उच्च शिक्षा विभाग ने निजी और सरकारी कालेजों में अप्रत्यक्ष प्रणाली चुनाव कराए थे। हालांकि न तो छात्र संगठन और न ही स्वयं मोहन यादव ने कभी अप्रत्यक्ष प्रणाली का समर्थन किया। उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने को लेकर सरकार को पत्र भी लिखा था। वे इस संबंध में तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा भी कर चुके थे, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया था। प्रत्यक्ष चुनाव में कॉलेज में पढऩे में वाला कोई भी विद्यार्थी किसी भी पद के उम्मीदवारी कर सकता है। इसमें कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थी सीधे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट कर चुनते हैं। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और विवि प्रतिनिधि शामिल हैं। हालांकि इस प्रणाली से होने वाले चुनाव में छात्र गुटों के बीच मारपीट और उपद्रव होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए इससे हमेशा बचा जाता है। अप्रत्यक्ष चुनाव में कॉलेज में मेरिट हासिल करने वाले विद्यार्थी के हिसाब से पदों पर उम्मीदवारी होती है। इसमें विद्यार्थी के सभी सेमेस्टर पास होना अनिवार्य है। वे अपने कक्षा का प्रतिनिधि चुनते हैं। चयनित कक्षा प्रतिनिधि कॉलेज के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और विवि प्रतिनिधि का चयन करते हैं। पिछले चुनाव में विवि प्रतिनिधि का पद समाप्त कर दिया गया था

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