मध्य प्रदेश

“मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM mohan yadav)ने की प्रशासनिक सर्जरी, थोकबंद IAS-IPS तबादले तैयार”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM mohan yadav) की सरकार जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने जा रही है। सूत्रों का कहना है की तबादले की सूची बनकर तैयार है। कई विभागों के प्रमुखों के साथ ही फील्ड में पदस्थ आईएएस और आईपीएस अफसरों के थोकबंद तबादले होंगे। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर अफसरों की परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरा राणा को मुख्यसचिव बनाकर यह साफ कर दिया कि निर्णय लेने में उन्हें कभी कोई जल्दबाजी नहीं रहती। इसी कारण जो भी निर्णय लेते हैं काफी सोच समझकर लेते हैं। वीरा राणा को मुख्य सचिव के साथ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार देना, इस बात का संकेत है कि यदि उन्हें मुख्य सचिव के पद पर छह माह की सेवावृद्धि नहीं मिलती त्तो आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले किसी वरिष्ठ अधिकारी को मुख्यसचिव का दायित्व सौंपकर वीरा राणा को माध्यमिक शिक्षा मंडल भेजा जा सकता है।
मुख्य सचिव का नई टीम का इंतजार
उधर वीरा राणा के मुख्यसचिव बनने के बाद अब उनकी नई टीम का इंतजार है। किस एसीएस या प्रमुख सचिव को कहां बैठाना है, इसका फैसला मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद मुख्यसचिव लेगी। लेकिन इतना तय है कि प्रमुख सचिव तथा विभागाध्यक्ष स्तर पर दो दर्जन से अधिक अधिकारी जल्द बदले जाएंगे। कई अधिकारी वर्षों से एक ही विभाग में पदस्थ हैं, उन्हें भी बदला जाएगा। कुछ अधिकारियों के पास तीन से चार विभागों का प्रभार है, उनका भार भी हल्का किया जाएगा। लंबे समय से पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहे प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को राजस्व या स्कूल शिक्षा विभाग का प्रभार दिए जाने की चर्चा है। राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार प्रमुख सचिव खनिज साधन निकुंज श्रीवास्तव के पास है, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी लगभग पांच वर्ष से वहां पदस्थ हैं। श्रीमती शमी को प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर वा आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का दायित्व सौंपा जा सकता है। श्रीमती शमी ने स्कूल शिक्षा विभाग में लंबे समय तक काम करने का नया रिकार्ड बनाया है।
सुलेमान को मिलेगी नई जिम्मेदारी
अपर मुख्यसचिव लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान भी अब वहां से हटना चाह रहे हैं। कोरोना काल और उसके बाद स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग में जो काम हुए है, वह यादगार रहेंगे। सुलेमान लगभग चार साल से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग में इतने लंबे समय तक कोई नहीं रहा। देखना यह है कि सुलेमान को मंत्रालय में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती है या उन्हें एनवीडीए का उपाध्यक्ष बनाया जाता है। एसएन मिश्रा को मुख्यसचिव के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद माने जाने वाले एपीसी का नियमित प्रभार दिया जा सकता है। अपर मुख्यसचिव गृह परिवहन तथा धार्मिक न्याय व धर्मस्व डॉ. राजेश राजौरा से संचालक अनुसुचित जाति व जनजाति अनुसंधान का अतिरिक्त प्रभार लेकर किसी अन्य अधिकारी को दिया जा सकता है। लंबे समय से पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहे मनीष सिंह की भी नई पदस्थापना किए जाने की चर्चा है। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, आयुक्त आदिमजाति कल्याण, संजीव सिंह, आबकारी आयुक्त ओमप्रकाश श्रीवास्तव, आयुक्त वाणिज्यिक कर लोकेश जाटव, आयुक्त कृषि एम सेलवेन्द्रन, आयुक्त व पंजीयक सहकारी संस्थाएं आलोक कुमार सिंह, आयुक्त महिला व बाल विकास डा. भोसले को अन्वत्र पदस्थ किया जा सकता है। दीपाली रस्तोगी को महिला व बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव वेतनमान के दो तथा अपर व उप सचिव वेतनमान के दो अधिकारियों की पदस्थापना किए जाने की चर्चा है।
फील्ड में होगी नई जमावट
सूत्रों को कहना है कि फील्ड में पदस्थ अफसरों में भी बड़े स्तर पर तबादले होंगे। इसमें 31 जिलों के कलेक्टर और इतने ही पुलिस अधीक्षक, 3 संभागायुक्त, रेंज आईजी, भोपाल-इंदौर के पुलिस आयुक्त बदले जा सकते हैं। इसके अलावा मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों प्रमुखों को भी बदले जाना है। इसको लेकर मंत्रालय स्तर पर बड़ी तैयारी हो चुकी है। मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के 4 आईजी, 1 डीआईजी और 17 पुलिस अधीक्षकों की है, जिनका स्थानांतरण होना लगभग तय हो गया है। सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ अफसरों को मंत्रालय से ट्रांसफर लिस्ट जल्द जारी होने की खबर लग चुकी है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार अफसरों की सूची पर मुख्यमंत्री की अंतिम मुहर लगना बाकी है। नई प्रशासनिक जमावट में चारों बड़े जिले इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के कलेक्टर बदले जा चुके हैं। जबकि ग्वालियर, शहडोल, पन्ना, भिंड, शिवपुरी, श्योपुर, छिंदवाड़ा, विदिशा, नीमच, सीहोर, सतना, रीवा, बड़वानी, सागर, रायसेन, सिंगरौली, धार, हरदा, खंडवा, राजगढ़, छतरपुर, बालाघाट, डिंडौरी, कटनी, सीधी, निवाड़ी, देवास, मुरैना, बुरहानपुर, अलीराजपुर जिले भी प्रभावित हो सकते हैं। संभागायुक्त में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर बदले जा सकते हैं। रीवा संभागायुक्त को हटाया जाज चुका है। भोपाल संभागायुक्त पवन शर्मा प्रमुुख सचिव बन चुके हैं। उन्हें मंत्रालय में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। उन्हें मजबूत पृष्टभूमि वाले अधिकारियों में गिना जाता है।

 

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