मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav )ने पिछले दिनों आई एक खबर पर संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया कि जेलों में कई कैदी ऐसे सालों से बंद हैं, जो मामूली जुर्माने की राशि जमा नहीं कर सके और यह राशि भी 8 हजार से लेकर कुछ ही अधिक है। लिहाजा इस तरह के कैदियों की विधिक सहायता करने और गलत तरीके से फंसाए गए और जेलों में बंद कैदियों को राहत देने के निर्देश दिए हंै।
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को जेलों का आकस्मिक निरीक्षण करने को भी कहा है और सभी जेलों में जो कैदी बंद हैं, उनकी स्थिति का विश्लेषण कर अगले 15 दिनो में रिपोर्ट मांगी गई है। इन कैदियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने, उनके पुनर्वास से लेकर विभिन्न कौशल संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। पिछले दिनों थानों के परिसीमन के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए थे, उसमें जनप्रतिनिधियों की सहमति लेने को भी कहा है, वहीं जुलूसों या ऐसे अन्य आयोजन देर रात तक न हो और फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस का आवागमन सभी जगह सुगम हो, ऐसे उपाय भी करने को कहा गया है। अभी कई जगह सडक़ों से लेकर गलियों में आकस्मिक परिस्थितियों में फायर ब्रिगेड या एम्बुलेंस की गाडिय़ां फंस जाती हैं। लिहाजा पुलिस, नगर निगम और अन्य एजेंसियों को कहा गया है कि वे इसके उपाय करें। अभी लगातार जो सायबर अपराध बढ़ रहे हैं, उस पर निगरानी रखने और थानों पर भी बेकसूर लोगों को ना फंसाया जाए और किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई ना हो, इसके निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए और अगर कहीं पर इस तरह की शिकायत आती है कि निर्दोषों को फंसया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवई की जाएगी।
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