धर्म

मप्र में तीर्थ दर्शन यात्रा पर मंडराया कोहरा | “Fog Looms Over Pilgrimage Tour in Madhya Pradesh”

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन अयोध्या में 22 जनवरी कोहोने जा रहा है। इसको लेकर देशवासियों को बेसब्री से इंतजार है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। 22 जनवरी को पूरा देश दिवाली मनाएगा। इस बीच, मप्र सरकार भी बुजुर्ग के लिए तीर्थ दर्शन योजना फिर से शुरू करने जा रही है। राम लला के दर्शन फ्लाइट से भी कराने की योजना है।

 राम मंदिर (ram mandir )की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहा है। इसको लेकर देशवासियों को बेसब्री से इंतजार है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। 22 जनवरी को पूरा देश दिवाली मनाएगा। इस बीच, मप्र सरकार भी बुजुर्ग के लिए तीर्थ दर्शन योजना फिर से शुरू करने जा रही है। राम लला के दर्शन फ्लाइट से भी कराने की योजना है। हालांकि, अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इसकी वजह यह है प्रदेश की खराब आर्थिक स्थिति। यही वजह है कि पिछले छह माह से विमान से तीर्थ यात्रा रूकी हुई है। मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने चुनावी वर्ष में जो कुछ लोक लुभावन योजनाएं लांच की थीं, उसमे बुजुर्गों को विमान से तीर्थ यात्रा कराने की योजना ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कुछ जिलों के तीर्थ यात्रियों को विमान से तीर्थ यात्रा का सौभाग्य भी मिला, लेकिन अब हवाई जहाज से बजुगों को तीर्थ दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कमोबेश यही हाल रेल से बुजुगों को तीर्थ यात्रा कराने की योजना की भी है। इन योजनाओं की राह में पैसे की तंगी आड़े आ गई है। ऐसे में ये योजना फिलहाल बेपटरी हो गई है।
विमान से तीर्थ यात्रा ने भी खूब बटोरी सुर्खियां
पिछले वर्ष प्रदेश के 25 जिलों के बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को ही विन्दन में तीर्थ यात्रा का मौका मिला था। एक जिले से अधिकतम 32 तीर्थ खत्रियों को विमान से यात्रा कराया गया था। इस तरह लगभग 800 बुजुर्गों को विमान से तीर्थ यात्रा का मौका मिला था। इस यात्रा को एक खानी ये रही थी कि इसमें एक परिवार से एक ही व्यक्ति को यात्रा क मौका दिया गया था। वानि पति-पत्नी एक सात विमान से यात्रा के लिए पात्र नहीं थे। ये यात्रा 21 मई से 19 जुलाई की अवधि में कराया गया था। जिन जिलों के बुजुर्गों को विमान से तीर्थ यात्रा का सौभाग्य मिला था। उनमें झाबुआ, सासेन, चार, सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, विदिशा उज्जैन, खरगौन, भोपाल, आगर मालवा, बैतूल, देवास, खंडवा, हरदा, मंदसौर, नर्मदापुरम, नीमच, बड़वानी, इंदौर दमोह बुरहानपुर, रतलाम, शाजापुर और सागर शामिल है। दरअसल, प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 9 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी। वही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन दोजना के तहत प्रदेश के बुजुर्गों की 10 अक्टूबर 2023 तक तीर्थ यात्रा कराई गई थी। ये यात्रा भारत गौरव पर्यटन ट्रेनों के माध्यम से कराई गई थी। विधनसभा चुनाव से पहले जी कार्यक्रम तय किया था, उसके मुताबिक 524 जुलाई से 10 अक्टूबर 2023 की अवधि तक प्रदेश के 18 हजार से अधिक बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजा गया था। उसके बाद यात्रा पर ब्रेक लग गया। जो कि अब तक बरकरार है।
6 माह और यात्रा होने के आसार नहीं
प्रदेश में विमान से तीर्थ यात्रा 19 जुलाई के बाद नहीं कराई गई, तो रेल से तीर्थ यात्रा 10 अक्टूबर 2023 से बंद है। योजना पर विराम लगे हुए तीन माह होने जा रहे है। मौजूदा हालातों में अभी कम से कम 6 माह और यात्रा होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रदेश के तीर्थ नात्रियों को देश के चयनित तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने की कार्य वोजना चनाने की जिम्मेदारी धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की है, लेकिन विभाग के अफसर इस योजना के तहत नए तीर्थ यात्रियों की यात्रा को लेकर फिलहाल कोई कार्य योजना नहीं बना सके हैं। कार्य योजना में पहले ही ये तय करना होता है कि किस जिले से कितने तीर्थ यात्रियों को यात्रा कराना है और ट्रेन का इंतजाम कैसे करना है। इसके लिए कार्यक्रम तैयार कर रेलवे को सूचित करना होता है, उसके बाद रेलवे योजना के लिए ट्रेन का इंतजाम करता है, लेकिन अभी इस तरह की कोई प्लानिंग नहीं की गई है। इधर मिले संकेतों के मुताबिक फरवरी अंत में लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। यानी इस योजना के तहत यदि आचार संहिता लगने से पहले बुजुगों को तीर्थ यात्रा कराना है, तो शीघ्र ही नया प्रस्ताव बनाए जाने की जरूरत है, लेकिन अभी कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है। इसके पीछे पैसे की तंगी को मुख्य वजह बताया जा रहा है। अब लेखानदान में राशि का प्रावधान होने और फिर लोकसभा चुनाव के लिए लगे आचार संहिता के खत्म होने के बाद ही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वापस पटरी पर आने की संभावना जताई जा रही है।

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