मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) में बढ़ती जा रही बिजली की मांग, 18 हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना

मप्र ( madhya pradesh) में रबी फसलों की सिचाई चल रही है। जिसके चलते प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है। ऐसे में प्रदेश में बिजली की डिमांड का हर दिन नया रिकॉर्ड बनता जा रहा है। दिन में बिजली की डिमांड 14 हजार से 15 हजार मेगावॉट के बीच हो गई है। प्रदेश में पिछले साल 22 दिसंबर 2023 को बिजली की डिमांड का नया रिकार्ड बना था। बिजली की डिमांड 17714 मेगावॉट तक पहुंच गई थी, जो अब तक की सबसे ज्यादा डिमांड थी। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इस साल बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है। जिसको देखते हुए बिजली कंपनियों ने मांग बढऩे पर बिजली की व्यवस्था भी कर रखी है। जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी से अतिरिक्त बिजली लेकर इस मांग को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही कंपनियों ने बिजली की बैकिंग भी कर रखी है। बिजली की कमी होने पर निजी कंपनियों से भी बिजली खरीदने की तैयारी मप्र में की गई है।
दरअसल, प्रदेश में बिजली की डिमांड एक बार फिर बढऩे लगी है। इसकी आपूर्ति के लिए अघोषित और घोषित बिजली कटौती की जा रही है। बिजली कंपनियों का अनुमान है कि इस साल जनवरी-फरवरी में बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावॉट तक पहुंच सकती है। इसकी आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियां बिजली की बचत भी कर रही हैं और डिमांड के मुताबिक बिजली आपूर्ति करने की तैयारी में हैं।
सिंचाई का रकवा बढऩे से मांग बढ़ी
दरअसल प्रदेश में सिंचाई का रकवा लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से अब बिजली की जरूरत भी बढऩे लगी है। अभी रात से ज्यादा बिजली की डिमांड दिन में बनी हुई है। रात में 10 से 11 हजार मेगावॉट बिजली की जरूरत रहती है। दिन में बिजली की डिमांड 14 हजार से 15 हजार मेगावॉट के बीच हो गई है। प्रदेश में पिछले साल 22 दिसंबर 2023 को बिजली की डिमांड का नया रिकार्ड बना था। बिजली की डिमांड 17714 मेगावॉट तक पहुंच गई थी, जो अब तक की सबसे ज्यादा डिमांड थी।पहले बिजली की डिमांड पीक सीजन में 15 हजार मेगावॉट तक रहती थी। पिछले साल से यह डिमांड 17 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। पिछले महीने डिमांड 18 हजार के करीब पहुंच गई थी। 35 पैसे महंगी होगी किसानों की बिजली उधर, बिजली कंपनियों ने बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने की तैयारी भी कर ली है। इसको लेकर बिजली कंपनियां मप्र विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर कर चुकी हैं। इसके तहत किसानों को मिलने वाली बिजली को भी महंगी करने की तैयारी है। किसानों की बिजली प्रति यूनिट 35 पैसे तक महंगी हो जाएगी। बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए बिजली के टैरिफ में 3.86 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव आयोग में दिया है। बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी।
प्रदेश में बिजली की स्थिति
मप्र जनरेटिंक कंपनी के ताप विद्युत ग्रह से 5400 मेगावाट बिजली उत्पादित होती है। वहीं मप्र जनरेटिंक कंपनी के जल विद्युत ग्रह से 921.58 मेगावाट,संयुक्त क्षेत्र के जल विद्युत गृह और अन्य से 2484.13 मेगावाट,केंद्रीय क्षेत्र के ताप विद्युत गृह से 5251.74 मेगावाट, दामोदर घाटी विकास निगम के ताप विद्युत गृह से 3401.5 मेगावाट, नवकरणीय ऊर्जा स्रोत से 5171 मेगावाट उत्पादन की क्षमता है। इस तरह मप्र में कुल 22,730 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। वर्तमान समस में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14 से 15 हजार मेगावाट है। वहीं प्रदेश में सरप्लास बिजली 8 से 9 हजार मेगावाट है।

 

read more

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button