मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश का वन क्षेत्र 390 करोड़ रुपये की लागत से संवरेगा, जिसके लिए कैम्पा योजना ( camp yojna)के अंतर्गत एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है।

मप्र में कैम्पा योजना ( camp yojna)(क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) के तहत वन क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने, वन्य प्राणी प्रबंधन और वन क्षेत्र में भू-जल संरक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण काम किए जाएंगे। मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। प्रदेश के वनों पर 1390 करोड़ रुपए खर्च करने की कैम्पा योजना को राज्य स्तरीय समिति ने हरी झंडी दे दी है।

मध्य प्रदेश में, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण की वार्षिक योजना के अंतर्गत मुख्य सचिव द्वारा 1390 करोड़ रुपये की योजना को अनुमोदित किया गया है। इस योजना में क्षतिग्रस्त वनों की मरम्मत से लेकर आधुनिक तकनीकी और उपकरणों के माध्यम से वन सुरक्षा को मजबूत बनाना शामिल है। इसके तहत 1,82,606 हेक्टेयर क्षेत्र में 290 करोड़ रुपये की लागत से वनों का संरक्षण और रखरखाव किया जाएगा।
1,82,606 हेक्टेयर में 290 करोड़ से वनों का रखरखाव। 199 करोड़ से 25,694 हेक्टेयर में बिगड़े वनों के सुधार पर विशेष काम। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा) महेंद्र सिंह धाकड़ का कहना है कि बीते वर्ष 1070 करोड़ की योजना को राज्य से अनुमोदन और केंद्र से मंजूरी मिली थी। सभी काम हो चुके हैं। इस वर्ष राज्य से 1390 करोड़ की योजना को अनुमोदित किया है, जो बीते वर्ष की तुलना में 320 करोड़ अधिक की है। उम्मीद है कि कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी मिलेगी।
चीता केयर यूनिट बनेगी
चीतों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पहली आधुनिक केयर यूनिट बनाने के प्रस्ताव को भी शामिल किया है। इस पर 65 लाख रुपए खर्च करने का लक्ष्य है। यह यूनिट गांधीसागर अभयारण्य में बनेगी। इसके अलावा सतना में सवा तीन करोड़ से 30 हेक्टेयर में बायोडायवर्सिटी पार्क की स्थापना, छह करोड़ से राज्य प्राधिकरण की स्थापना के प्रस्ताव को भी शामिल किया है। योजना केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। राष्ट्रीय समिति की स्वीकृति और राशि मिलने के बाद प्रदेश में काम शुरू होगा।
सुरक्षा पर खर्च होंगे 100 करोड़ से अधिक
कैम्पा बैठक में कई प्रमुख कार्यों को अनुमोदन किया गया। बैठक में वनों की सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा हुई और तकरीबन 100 करोड़ रूपए से अधिक खर्च करने के प्रस्ताव बनाए गए। इसके तहत 85 लाख से वाच टावर लगेंगे, आधुनिक उपकरण व सेफ्टी किट पर 12 करोड़, वन चौकी, वन उपज जांच नाका निर्माण पर 2.73 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा जिन अन्य कार्यों का अनुमोदन दिया गया उनमें 4906 हेक्टेयर में 82 करोड़ से नवीन प्रतिपूरक क्षतिपूर्ति वनीकरण, 30880 हेक्टेयर में 79 करोड़ से प्रतिपूरक वनीकरण रखरखाव, 47871 हेक्टेयर में 62 करोड से कैचमेंट क्षेत्र शोधन योजना पर काम, 38 करोड़ से वन्यप्राणी प्रबंधन किया जाएगा। जंगली हाथियों के उत्पात से निपटने पर 2 करोड़, 2 करोड़ से वन्यप्राणियों के लिए आधुनिक रेस्क्यू उपकरण खरीदे जाने को अनुमोदित किया है। स्ट्रांग रूम, कैमरे, अतिक्रमण विरोधी खेती निर्माण पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमोदन किया गया है। 12 करोड़ से वायरलेस खरीदी, 19 करोड़ से रोपणियों में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम, 2.83 करोड़ से काष्ठांगार उन्नयन, 10 करोड़ से स्मार्ट फोन खरीदी।

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