मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश के साथ ओले भी गिरे, दो दिन बदला रहेगा मौसम, 34 जिलों में ओले का अलर्ट गेहूं-चने, सरसों की फसलें तबाह -इटारसी में 50 ग्राम तक के ओले बिछे, बैतूल में सर्वे शुरू; खंडवा-टीकमगढ़ में भी नुकसान

मध्यप्रदेश में सोमवार और मंगलवार को जोरदार बारिश हुई। कहीं-कही ओले भी गिरे। इससे फसलों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने कहा कि दो दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम में तेज आंधी के साथ मूसलाधार बारिश हुई, बिजली और ओले भी गिरे। जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नरसिंहपुर, भोपाल समेत 15 जिलों में बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने प्रदेश के 34 जिलों में अगले 24 घंटे में ओले-बारिश का अलर्ट जारी किया है। यूपी के झांसी में मंगलवार तडक़े तेज बारिश के साथ ओले गिरे। यहां सडक़ों पर सफेद चादर जैसी बिछ गई है। वहीं, जालौन में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई। प्रयागराज में भी सुबह से बारिश हो रही है। मौसम में हुए बदलाव ने मध्यप्रदेश में फसलों पर संकट खड़ा कर दिया है। सोमवार रात तेज हवा, बारिश के साथ गिरे बड़े आकार के ओलों ने खेतों में गेहूं, चने और सरसों की फसल आड़ी कर दी। भोपाल, सीहोर, नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं। कुछ जगह बारिश ने खेतों में कटी रखी फसल डूबो दी। भीगने से गेहूं का दाना काला पडऩे की आशंका है।
नर्मदापुरम के इटारसी में 50 ग्राम तक के ओले खेतों-मैदानों में बिछ गए। छिंदवाड़ा में रातभर में 1.5 इंच पानी गिर गया। पचमढ़ी, शिवपुरी में भी बारिश हुई है। खजुराहो में भी ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बैतूल प्रशासन ने सर्वे के निर्देश दे दिए हैं। प्रदेश में 29 फरवरी तक इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान है। आधे से ज्यादा जिलों में अगले 24 घंटे के लिए ओले-बारिश का अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि ऊपर से आ रही ठंडी हवा और पश्चिमी विक्षोभ ने मौसम बदल दिया है।
इटारसी, डोलरिया, पतलई, सिवनीमालवा में ओलावृष्टि
नर्मदापुरम के इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनीमालवा में ओले गिरे हैं। इटारसी के मैदानों में 50 ग्राम तक के ओले बिछ गए। सोमवार रात 11 बजे के बाद मौसम में बदलाव हुआ। 5 से 10 मिनट तक ओले गिरे हैं। अचानक ओलों के साथ बारिश शुरू होते ही खुले मैरिज गार्डन में हो रहे विवाह समारोह में लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागे। 10 मिनट बाद ओले गिरना बंद हो गए, लेकिन बारिश रुक-रुक कर होती रही।
खंडवा में 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित
खंडवा में हरसूद और छनेरा तहसील के 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित हुए हैं। हरसूद में रात 11.32 से 11.52 तक ओलावृष्टि हुई। छतों पर पत्थर फेंके जाने जैसी आवाज से लोगों की नींद टूटी। देखा तो घरों के आंगन और छतों में ओले बिछे पड़े थे। सुबह खेतों में ओलों से चने की फसल गिरी मिली। हरसूद तहसील के प्रतापुरा गांव में फसलों को 100 प्रतिशत नुकसान की बात कही जा रही है। खंडवा शहर में भी रात 12.35 बजे बारिश हुई।
बैतूल के भीमपुर में 15 बकरियां मरीं
बैतूल में शाहपुर, भौंरा, चिचोली में जोरदार बारिश से खेत में खड़ी और काट कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है। सोमवार दोपहर बाद निशाना, पाठई बरेठा समेत आसपास के गांवों में बैर से आंवले के आकार के ओले गिरे। ओलों की बारिश 15 से 20 मिनट तक होते रही। पावरझंडा, सिलपटी, सोहागपुर ढाना में गरज-चमक केसाथ तेज बारिश हुई। भीमपुर ?में बिजली गिरने से 15 बकरियां, शाहपुर में एक गाय मर गई। मगरडोह के किसान रामू मालवीय, टेकरीपुरा के नंदू यादव के खेतों में लगी चना और सरसों की फसलों को नुकसान हुआ है। चिचोली में जीन, अटारी, बोरगांव, टहली, कुम्हली, दनोरा में बारिश के कारण खेतों में रखी फसल बारिश के पानी में डूब गई। इससे गेहूं का दाना काला हो जाएगा। भौंरा के ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी एसएल मर्सकोले ने बताया कि एक से दो किमी में ओले गिरे हैं। हवा व बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब राजस्व अमला सर्वे करेगा।
केला, गेहूं, चना, तरबूज की फसल खराब
बुरहानपुर में बेमौसम बारिश के कारण केला, गेहूं, चना और तरबूज फसल को नुकसान पहुंचा है। जिन क्षेत्रों में ओले गिरे हैं, वहां केला और तरबूज भी प्रभावित हुआ है, लेकिन जहां तेज हवाएं चली और बारिश हुई वहां फसल आड़ी होकर गेहूं, चना को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा अंबाड़ा, सारोला, निंबोला में भी गेहूं फसल को नुकसान हुआ है। जिले के भावसा मोरखेड़ा, बड़सिंग, मोहद, बंभाड़ा में गेहूं, चना, तरबूज की फसल को नुकसान पहुंचा है। भावसा के किसान फूलसिंग बारेला ने बताया खेत में फसल आड़ी हो गई। किसानों के अनुसार गेहूं की फसल तेज हवा के कारण आड़ी हो गई। चना गीला हो गया। कुछ आड़ा हुआ है। मक्का को भी नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है। अभी आकलन का दौर चल रहा है। कुछ क्षेत्रों में रातभर तेज बारिश हुई और तेज हवाएं भी चलती रही।
फसलों का सर्वे करने के लिए कलेक्टरों को आदेश
प्रदेश में हुई ओलावृष्टि और अतिवृष्टि को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने नुकसान हुए फसलों का सर्वे करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। कोई भी किसान जो प्रभावित हुआ है, उसका सर्वे गंभीरता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि फसलों का सर्वे कराकर किसानों को उचित राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। सर्वे की मॉनिटरिंग करने के लिए सभी मंत्रीगण, विधायकगण और सांसदों को भी कहा गया है।

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