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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत, पारंपरिक कारीगरों ( traditional artisans) को उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना में उन्हें सात दिन का आरंभिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि उनके कौशल को और विकसित किया जा सके। इस पहल के द्वारा कारीगरों की कार्यक्षमता और उनके कार्य की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है।

पारंपरिक कारीगरों ( traditional artisans)को रोजगार के बेहतर अवसर के साथ ही संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार की इस योजना में कारीगरों को पांच से सात दिन का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद कारीगरों को सर्टिफिकेट और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के कौशल को बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। योजना में टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। साथ ही पहली बार में एक लाख और दूसरी बार में दो लाख रुपये का सस्ता ऋण मिलेगा। प्रारंभिक प्रशिक्षण पांच से सात दिन का और 15 दिन का एडवांस प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता भी मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
योजना के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष
प्रशिक्षण के लिए हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया जारी है। योजना के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होना चाहिए। पिछले पांच वर्षों में पीएमईजीपी स्वनिधि एवं मुद्रा योजना के तहत ऋण नहीं लिया हो। सहकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। एक परिवार से एक ही को लाभ मिलेगा। योजना के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता और आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक होना अनिवार्य है।
इनको मिलेगा प्रशिक्षण
पीएम विश्वकर्मा योजना में बढ़ई, सुनार, गुडिय़ा और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, कुम्हार, नाई, अस्त्रकार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), माला निर्माता (मालाकार), लोहार, मोची (चर्मकार), जूता कारीगर, धोबी, हथौड़ा, टूल किट निर्माता, राजमिस्त्री, दजी, ताला बनाने वाला, टोकरी, चटाई, झाडू निर्माता, कॉयर बुनकर और मछली पकडऩे का जाल निर्माता शामिल है।

 

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