प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पश्चिम मध्य प्रदेश के झाबुआ में आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वे इस दौरान 7500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। आदिवासीबहुल झाबुआ से प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश की आदिवासी लोकसभा सीटों को टारगेट करेंगे।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में स्थित झाबुआ आदिवासी वर्ग की राजनीति का केंद्र रहा है। यहां से पीएम मोदी आसपास के जिलों धार, रतलाम और गुजरात व राजस्थान के आदिवासी इलाकों को भी प्रभावित करेंगे। इन इलाकों में भील और भिलाला आदिवासी आबादी निवास करती है। पश्चिम मध्य प्रदेश में झाबुआ के पास की तीन लोकसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है। इसी तरह गुजरात की दो और राजस्थान की दो सीटें भी आदिवासियों के लिए आरक्षित है।
दो लाख महिलाओं को आहार अनुदान का वितरण
प्रधानमंत्री करीब दो लाख महिला लाभार्थियों को आहार अनुदान योजना के अंतर्गत आहार अनुदान की मासिक किस्त का वितरण करेंगे। इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश की विभिन्न विशेष पिछड़ी जनजातियों की महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए 1500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को 1.75 लाख अधिकार अभिलेख वितरित करेंगे। इससे लोगों को उनकी जमीन के अधिकार के लिए दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध हो जाएंगे।
टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे। यह एक समर्पित विश्वविद्यालय है, जो क्षेत्र में उच्च जनजातीय बहुलता वाले जिलों के युवाओं को सुविधाएं प्रदान करेगा। 170 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाला यह विश्वविद्यालय छात्रों के समग्र विकास के लिए विश्वस्तरीय अवसंरचना प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के अंतर्गत 559 गांवों के लिए 55.9 करोड़ रुपये जारी करेंगे। इस राशि का उपयोग आंगनवाड़ी भवन, राशन की दुकानों, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों में अतिरिक्त कमरे, आंतरिक सडक़ों सहित विभिन्न प्रकार की निर्माण गतिविधियों के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री झाबुआ में ‘सीएम राइज स्कूल का शिलान्यास करेंगे। स्कूल छात्रों को स्मार्ट क्लास, ई- लाइब्रेरी आदि जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करेगा।
पेयजल योजनाओं की देंगे सौगात
प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जो मध्य प्रदेश में जलापूर्ति और पीने के पानी की व्यवस्था को मजबूत करेगी। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, उनमें तलवाड़ा परियोजना शामिल है। यह धार और रतलाम के एक हजार से अधिक गांवों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना है। इसके अलावा अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत 14 शहरी जलापूर्ति योजनाएं, मध्य प्रदेश के कई जिलों में 50 हजार से अधिक शहरी परिवारों को लाभान्वित कर रही हैं। प्रधानमंत्री झाबुआ की 50 ग्राम पंचायतों के लिए नल जल योजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिससे लगभग 11 हजार घरों को नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा।
रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और उनकी आधारशिला रखेंगे। इनमें रतलाम रेलवे स्टेशन और मेघनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना भी शामिल है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत किया जाएगा। राष्ट्र को समर्पित रेल परियोजनाओं में इंदौर-देवास-उज्जैन सी केबिन रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इटारसी-यार्ड रीमॉडलिंग के साथ उत्तर-दक्षिण ग्रेड सेपरेटर तथा बरखेरा-बुदनी-इटारसी को जोडऩे वाली तीसरी लाइन को भी इसमें रखा गया है। ये परियोजनाएं रेल अवसंरचना को मजबूत करने तथा यात्री और माल गाडिय़ों, दोनों के लिए यात्रा के समय को कम करने में मदद करेंगी।
3275 करोड़ की सडक़ विकास परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में 3275 करोड़ से अधिक की कई सडक़ विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसमें एनएच-47 पर 30 किमी (हरदा-तेमगांव) तक हरदा-बैतूल (पैकेज-ढ्ढ) को चार लेन का बनाना; एनएच-752डी का उज्जैन देवास खंड; एनएच-47 के इंदौर-गुजरात सीमा खंड को चार लेन (16 किमी) और एनएच-47 के चिचोली-बैतूल (पैकेज-।।।) हरदा-बैतूल को चार लेन और एनएच-552जी का उज्जैन झालावाड़ खंड शामिल है। इन परियोजनाओं से सडक़ संपर्क में सुधार होगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री अपशिष्ट डंपसाइट उपचार, विद्युत सबस्टेशन जैसी अन्य विकास पहलों का भी लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।