पूरे देश में 22 जनवरी को राम दिवाली ( ram diwali) मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दीपावली के बाद फिर से मिट्टी के दीयों की मांग निकली है। कुम्हारों के परिवार नवंबर में गई दिवाली के बाद एक बार फिर दीयों के कारोबार में लग गए हैं। आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आने वाली दिवाली से लेकर देवउठनी ग्यारस तक मिट्टी के दीये बाजार में बड़ी संख्या में बिकते हैं। बाद में ये दीये बनाने वालो के यहां या दुकानों पर बॉक्सों में बंद रहते हैं। लेकिन इस बार एकाएक फूल, पूजन सामग्री की दुकानों पर मिट्टी के दीयों की मांग निकली है।
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन 22 जनवरी को है, लेकिन पूजन सामग्री की मांग देश भर में बढ़ गई है। ध्वजा, भगवा झंडे, धार्मिक साहित्य के साथ दीपों की मांग में वृध्दि होना इस बात का सूचक है कि 22 जनवरी को देश में परंपरागत दीपावली जैसा भव्य माहौल होगा। घर घर दीये जलेंगे और पूजन होगा। धार्मिक सामग्री के पूजन पाठ के विक्रेताओं ने बताया कि लोग 15 या 25 मिट्टी के दीपक खरीद कर ले जा रहे हैं। एक ग्राहक से पूछा तो उसने कहा कि राम मंदिर में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा और भव्य मंदिर के निर्माण होने वाले दिन घरों में दीपक प्रज्वलित कर दीपावली मनाएंगे।
रुई की बाती की भी मांग बढ़ी
जब दीपक की मांग में वृध्दि हुई तो रुई की बत्ती की भी मांग बढ़ी है। एक व्यापारी का कहना ही कि फूल बत्ती तो लगती रहती है, पर इस बार लंबी बत्ती की मांग एकाएक बढ़ गई है, जिसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस सब तैयारियों से लगता है कि 22 जनवरी को एक और दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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