भोमकर संक्रांति के पर्व पर देशभर में लोगों ने पतंगबाजी की। लेकिन इस दौरान चाइनीज मांझे (chinese manjha )के उपयोग की वजह से जानलेवा घटनाएं हुईं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चाइनीज मांझे पर बैन लगाने के बावजूद, इसके इस्तेमाल से लोग और पक्षी घायल हो रहे हैं। धार में एक बच्चे की इससे मौत हो गई और छिंदवाड़ा में एक व्यक्ति का गला कट गया। इस मांझे का उपयोग आसानी से नहीं टूटने वाले और ब्लेड जैसी धार वाले तारों के लिए किया जाता है।
वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने चाइनीज मांझे के भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इसका उपयोग अभी भी जारी है। यह मांझा शीशा, वज्रम
गोंद, मैदा फ्लावर, एल्युमिनियम ऑक्साइड और जिरकोनिया ऑक्साइड से बनता है, जो इसे और अधिक खतरनाक बनाता है। इस तरह के मांझे से जुड़ी घटनाओं के बावजूद, क्षेत्र में इसकी बिक्री और भंडारण पर प्रभावी रोक क्यों नहीं लग पा रही है, यह एक गंभीर सवाल है।
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