अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव की तैयारियां मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने तेज कर दी हैं। रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग आफिसर को चुनाव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफाइड पेपर आडिट ट्रेल की पहले दौर की जांच हो चुकी है।
चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि किसी भी ऐसे रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग आफिसर को तैनात न किया जाए, जिसका गृह क्षेत्र उसी संसदीय क्षेत्र में आता हो। ऐसे अधिकारियों को हटाकर पालन प्रतिवेदन दिया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए एक-दो दिनों में कुछ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के तबादले हो सकते हैं।
चुनाव आयोग ने पहले तीन वर्ष से एक जिले में पदस्थ ऐसे अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए थे, जो चुनाव कार्य में संलग्न हों। इस आधार पर कलेक्टर, अपर कलेक्टर, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए थे।अब आयोग ने संसदीय क्षेत्र में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों का तबादला करने के लिए कहा है।
साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसा कोई भी रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग आफिसर न बनाया, जिसका गृह क्षेत्र उस संसदीय क्षेत्र में आता हो। इसके आधार पर सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग द्वारा परीक्षण किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बदले जाएंगे। इसके साथ ही अन्य अधिकारियों की पदस्थापना भी होगी। यह कार्य एक-दो दिन में पूरा कर चुनाव आयोग का पालन प्रतिवेदन मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की ओर से भेजा जाएगा।