मध्यप्रदेश ( mp) के महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने एम पी की कम ज्ञात प्रजातियों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि माध्यमिक शालाओं ( madhyamik shalayein) में इको क्लब होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैव विविधता और प्रजातियों के संरक्षण के लिए बचपन से ही बच्चों को इससे परिचित कराया जाना चाहिए। एमपी की कम ज्ञात प्रजातियों पर दो दिवसीय द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पर्यावरण परिसर में आयोजित किया गया है। जिसमें देश विदेश के लगभग डेढ़ सौ शोधकर्ता भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन एस एन एच सी इंडिया, मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, भोपाल बर्डस संस्था एवं वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि कुदरत ने तीन माह के अंतराल से मौसम बनाएं थे पर मानव ने करिश्में से इन्हें एक ही दिन में देखने पर मजबूर कर दिया है। इस दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है। यह सम्मेलन सही दिशा में सही समय पर उठाया गया कदम है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव ने जैव विविधता संरक्षण को लेकर ग्रामीण जनजाति क्षेत्रों में कैसे लाभ मिले को लेकर और बेहतर कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई। जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव बी एन अंबाड़े ने मध्यप्रदेश में बारह सिंगा, घडिय़ाल, डाल्फिंस, खरमौर, सोन चिरैया, पैंगोलिन को संरक्षित किए जाने की दिशा में उल्लेखनीय कदमों की जानकारी दी।
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