मध्य प्रदेशराजनीतिक

अपना कार्यकाल पूरा करेंगे निगम, मंडलों के अध्यक्ष -पूर्व सरकार में नियुक्त किए गए नेताओं को नहीं हटाएगी सरकार

"निगम, मंडलों के अध्यक्षों को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे"

प्रदेश में डॉ. मोहन यादव ( Dr. Mohan Yadav) की सरकार बनने के बाद अब राजनीतिक और प्रशासनिक जमावट का दौर चल रहा है। सरकार में जहां शिवराज कैबिनेट के अधिकांश चेहरों को जगह नहीं मिली है, वहीं अब अफसरों को भी बदला जा रहा है। लेकिन इस नई सरकार, जिसे मोहन ‘राज’ कहा जा रहा है, में भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नियुक्ति किए गए विभिन्न निगम, मंडल, और विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष काम करते रहेंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार ने निगम, मंडल, और विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को नहीं हटाने का फैसला किया है। दरअसल, स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एदल सिंह कसाना विधानसभा चुनाव जीतकर कृषि मंत्री बन गए हैं, इसलिए उन्हें जल्द ही अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। वहीं विधानसभा चुनाव में तीन निगमों के अध्यक्षों को हार का सामना करना पड़ा है। इनमें लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, मप्र खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह लोधी और मप्र खनिज विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल शामिल हैं। मप्र वेयर हाउस कार्पोरेशन के अध्यक्ष राहुल लोधी दमोह से उपचुनाव हार गए थे। राज्य कृषि विपणन बोर्ड की उपाध्यक्ष मंजू दादू नेपानगर से चुनाव जीतकर विधायक बन गई है। ऐसे में नई सरकार के गठन के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि पुरानी सरकार में नियुक्त निगम, मंडल और विकास प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को हटा दिया जाएगा। लेकिन सभी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। चूंकि निगम, मंडलों में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों की नियुक्तियां तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थीं, इसलिए उन्हें हटाए जाने की अटकलें लगाई|

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